विश्वकर्मप्रकाश (वास्तुशास्त्रम्) पुस्तक अभय कात्यायन द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर आधारित है। यह पुस्तक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और भवन निर्माण के विज्ञान को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करती है, जिसमें भारतीय संस्कृति के महान वास्तुकार, भगवान विश्वकर्मा के सिद्धांतों का विशेष उल्लेख है।
इस पुस्तक में निम्नलिखित प्रमुख विषयों का समावेश किया गया है:
- भगवान विश्वकर्मा का परिचय और उनके सिद्धांत: इस ग्रंथ में भगवान विश्वकर्मा, जिन्हें देवताओं का वास्तुकार माना जाता है, के जीवन और उनके सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन है। इसमें उनके द्वारा रचित प्रमुख ग्रंथों और उनके द्वारा दिए गए वास्तुशास्त्र के नियमों का अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
- वास्तुशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत: विश्वकर्मप्रकाश में वास्तुशास्त्र के प्रमुख सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें भूमि के चयन, भवन के दिशा निर्धारण, और विभिन्न स्थानों की वास्तुशास्त्र के अनुसार स्थिति का विस्तार से वर्णन है।
- भवन निर्माण की विधियाँ: इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय भवन निर्माण की विधियों और उनके महत्व को बताया गया है। इसमें गृह, मंदिर, महल, और अन्य संरचनाओं के निर्माण के नियमों का विस्तृत विवरण है, जिसे भगवान विश्वकर्मा के सिद्धांतों के आधार पर समझाया गया है।
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